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झाबुआ@आयुष पाटीदार
झाबुआ जिले के खवासा स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की कार्यशैली को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लोन प्राप्त करने वाले कई आवेदकों ने बैंक प्रबंधन पर अनिवार्य बीमा करवाने का दबाव बनाने और योजनाओं के मूल उद्देश्यों से भटकने के आरोप लगाए हैं।
राजेंद्र प्रजापति को लोन के लिए बीमा की शर्त…
झाबुआ हलचल टीम द्वारा जानकारी प्राप्त हुई कि राजेंद्र प्रजापति नामक व्यक्ति को 12,000 रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस करवाने की शर्त पर ही लोन देने की बात कही गई। प्रजापति ने आरोप लगाया कि बैंक प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहा है और नियमों का उल्लंघन करते हुए आवेदकों को प्रताड़ित कर रहा है।
पवन प्रजापति के साथ हुआ बीमा में धोखाधड़ी का मामला..
एक अन्य मामले में, पवन प्रजापति ने बताया कि उनके पास पहले से ही आयुष्मान भारत योजना का 7 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर है। इसके बावजूद बैंक ने उनसे 12,000 रुपये का अतिरिक्त बीमा करवाने का दबाव बनाया। पवन के अनुसार, बैंक ने उनसे खाली वाउचर पर हस्ताक्षर करवा लिए और बीमा की राशि उनकी सहमति के बिना काट ली। उन्होंने इसकी शिकायत 181 हेल्पलाइन पर दर्ज कराई है और मांग की है कि उनका लोन बिना बीमा के जारी किया जाए।
गंगाराम प्रजापति को बिना अड़चनों के मिला लोन…
इसके विपरीत, गंगाराम प्रजापति को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लोन बिना किसी अतिरिक्त शर्तों के जारी कर दिया गया। इससे यह सवाल उठता है कि बैंक की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है और नियम अलग-अलग व्यक्तियों के लिए भिन्न हो सकते हैं।
बैंक प्रबंधन की सफाई…
बैंक मैनेजर का कहना है कि लोन लेने के लिए बीमा अनिवार्य है और यह बैंक के नियमों के अनुसार है। हालांकि, आवेदकों का दावा है कि यह शर्त प्रधानमंत्री की योजनाओं के मूल उद्देश्यों के खिलाफ है और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों को नुकसान पहुंचा रही है।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग…
शिकायतकर्ताओं ने जिला प्रशासन और बैंक के उच्च अधिकारियों से अपील की है कि वे मामले की जांच करें और बैंक की कार्यशैली में सुधार लाएं ताकि योजनाओं का लाभ सही तरीके से जरूरतमंदों तक पहुंच सके।