32 करोड़ की नल – जल योजना पर फिरा पलीता,वाटर प्लांट तक पहुंचा केमिकल युक्त पानी।
मेघनगर@संजय बंधु
वाटर प्लांट को दूषित करने में औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर की कंपनियों की अहम भूमिका है। यहां के कम्पनीयो की केमिकलयुक्त पानी नालों में छोड़ते है वो पानी गारिए नाले और पिपलीपाड़ा से होते हुए वाटर प्लांट झायड़ा में पहुंचता है ! ये कंपनियां वायु प्रदूषण, जिला प्रशासन व नगर प्रशाशन के अफसरों की आंखों में धूल झोंककर अपनी मनमानी जारी रखे हुए है। कई कंपनी टैंकरों से पानी को भेजने की कड़ी मेहनत से बचने के लिए अपने क्षेत्र के पास में नालों में ही केमिकल युक्त पानी डाल देते है।औद्योगिक क्षेत्र में केमिकल युक्त पानी इंसान ही नहीं, अब पेड़-पौधों को भी सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहा है। केमिकल युक्त पानी से पेड़-पौधे लगातार सूख रहे हैं। विडंबना यह है कि इस तरफ ना तो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, जिला प्रशासन और ना ही एकेविन कोई एक्शन ले रहा है। जिम्मेदार विभाग इस दिशा में कोई कदम नही उठा पा रहे है।