अमित मुथा, श्रीमती स्वेता मुथा के सहजोड़ें मासक्षमण (31) तपस्या पूर्ण होने पर किया गया बहुमान।
तप से ही जीवन तेजस्वी बनता है ...प.पू. महासती श्री अनुपम शीला जी म. सा
रायपुरिया@राजेश राठौड़
रायपुरिया:- निप. प.पू.आचार्य भगवंत श्री उमेश मुनि जी म.सा.,प.पू प्रवर्तक श्री जिनेंद्र मुनि जी म.सा.कि आज्ञा अनुवर्ती परम पूज्य महासती श्री अनुपम शीला जी म. सा. ने आज धर्म सभा को संबोधित करते हुए फरमाया कि तप से संचित कर्मों का क्षय करना हैं और संचित कर्मों को छय किए बिना सुख नहीं मिल सकता ,तप से ही जीवन तेजस्वी बनता है ,तप कर्मों को धोने की मशीन है।पांच समिति तीन गुप्ति का ज्ञान तप के साथ होना चाहिए, ज्ञान उत्कृष्ट और तप भी उत्कृष्ट होने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।प. पूज्य महासती श्री नेहप्रभा जी ने फरमाया कि मान पर विजय प्राप्त करने से विनय भाव की प्राप्ति होगी जीव मान प्राप्त करने के लिए माया, छल कपट, मिथ्या, चापलूसी करता है, दुराचारी से सदाचारी भी बन जाता है। जीव त्याग के साथ अहंकार को भी छोड़ेगा तभी मान कषाय पर विजय प्राप्त करता है जीव प्रशंसा प्राप्त करने के लिए दुर्लभ त्याग का प्रत्याख्यान भी कर लेता है पूज्य महासती जी ने भगवान के तीसरे मरीचि के भव का दृष्टांत के माध्यम से भी धर्म सभा को समझाया आपने कहा की तपस्या व धर्म में दिखावा छल कपट नहीं करना चाहिए यह बात हमें ज्ञानियों ने आगम के माध्यम से हमें बताई। जहां आडंबर रहित तपस्या नहीं होती है वहां हिंसा होती है हमें भवो से बंध कर्मो के क्षय के लिए तपस्या करनी है ,तपस्या अपनी आत्मा की निर्जरा के लिए करना हैं।आज रायपुरिया नगर में पूज्य महासती जी के सानिध्य में चल रहे हैं अनुपम वर्षावास के तहत पांचवा मासक्षमण पूर्ण हुआ। आज तपस्वी अमित अनिल कुमार मुथा एवं उनकी धर्म सहायिका श्रीमती श्वेता अमित मुथा ने सहजोड़ें (31) उपवास मासक्षमण की तपस्या कर अपना तप पूरा किया आज इनके बहुमान श्री संघ द्वारा एवं अमित मुथा मित्र मंडल द्वारा किया गया,आज बहुमान में अनेकों तप की बोलियां लगी आज की धर्म सभा में बरमंडल ,लिमड़ी, बदनावर ,जामली हमीरगढ़ ,पेटलावद ,करवड ,पारा रम्भापुर, मांजरोद सहित अनेक जगह के धर्मबंधु उपस्थित थे बहुमान कार्यक्रम कु.सेजल साभद्रा,महक भंडारी, खुशी मुथा, किरण भंडारी संजय मुथा ने स्तवन व उद्बोधन दिया। इसके पश्चात सांसद गुमानसिंह जी डामोर भी अनिल मुथा के निवास पर पहुंचे और तपस्वी जोडे को पारणा कर आपने दोनों तपस्वी का बहुमान किया।