इस तपती धूप से किसानो की चिंताएं बड़ी फसल सूखने की कगार पर।
रायपुरिया@राजेश राठौड़
रायपुरिया निप आसमान की ओर देखने पर दुर दुर तक नहीं दिखाई दे रहे बादल किसानों की चिंता बढ़ गई है फसलों को अब पानी की जरूरत होने लगी है किसान ऊपर वाले से आस लगा रहे है सूर्य की तेज किरणों से फसले मुरझा रही है अभी तो चारों ओर हरियाली दिखाई दे रही लेकिन अगर ऐसी ही गर्मी गिरतीं रही तो फसलें सुख जायेगी सोयाबीन की फसल पर फुल एवं फलिया आने लग गई कुछ दिनों बाद फलियों में दाने आने लग जायेगा अगर समय पर बारिश नहीं होती तो खेतों के अन्दर ही फसलें खराब हो जायेगी ऐसा ही मक्का की फसल के भी हालत है बंद पड़ी सिंचाई की मोटर को दुरस्त करने के लिए मोटर मेकेनिक के यह पर सिंचाई मोटरों के ढेर लगाना शुरू हो गये है ताकि दुरुस्तीकरण के बाद इन से सिंचाई कर अपनी फसलों को बचा सके किसान ऊपर वाले से प्रार्थना कर रहे हैं मान मन्नत ले रहे हैं की हमारे मुंह में आया हुआ निवाला कही छीन न जाये अगर ऐसा होता तो किसी को अपना मुंह बताने लायक नहीं रहेंगे क्योंकि जैसे तैसे कर फसलों को बड़ा किया इस फसल से काफी आस रहती हैं कुछ किसानों ने सिंचाई भी शुरू कर दी सिंचाई के शुरू होते ही बिजली भी परेशान करने लग गई है बस अब किसानों की इंद्र देव से प्रार्थना है कि समय पर मेघ बरसा दो।