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जीव परिग्रह के पीछे कितना कष्ट सहन करता है पर उसे छोड़ता नही — पूज्य संयत मुनीजी।

मासखमण तपस्वी सुदर्शन मेहता को तप चक्रेश्वरी ने करवाया पारणा।

मेघनगर @संजय बंधु

जिनशाशन गौरव आचार्य उमेश मुनीजी के प्रवर्तक जिनेन्द्र मुनिजी की आज्ञा मेआत्मोत्थान वर्षावास हेतु विराजित अणुवत्स पूज्य संयत मुनिजी आदि ठाना 4 के पावन सनिध्य मे मासखमण तप की झड़िया निरंतर गतिमान है इसी क्रम मे सुश्रावक सुदर्शन मेहता ने पोषध की आराधना के साथ 31 उपवास की दीर्घ तपस्या पूर्ण की जिनका तप की बोली से बहुमान सुरेश एवं वर्धमान मेहता ने 5 एवं 3 उपवास की बोली, संघ की भेंट के साथ किया प्रभावना अणु जिनेन्द्र कृपा मंडल द्वारा दी गई सामूहिक सिद्धि तप की आराधना मे 4 उपवास की लड़ी मे लगभग 87 आराधको के पारने महावीर भवन पर संपन्न हुए जिसका लाभ ऋषभ सुरेंद्र कटारिया ने लिया।

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