खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नदारत…शाम 5 से 6 बजे तक ओपीडी मे डॉक्टर उपस्थित नहीं रहते हैं।
नए पदस्थ हुए चिकित्सक प्रतिदिन करते हैं अप डाउन मुख्यालय पर नहीं करते निवास
खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर नदारत….
शाम 5 से 6 बजे तक ओपीडी मे डॉक्टर उपस्थित नहीं रहते हैं।…
नए पदस्थ हुए चिकित्सक प्रतिदिन करते हैं अप डाउन मुख्यालय पर नहीं करते निवास…
खवासा में पाटीदार लेब संचालित होती है उसकी अनुमति नहीं ली गई….
झाबुआ@डेस्क रिपोर्ट
ग्रामीण अंचलों में नई-नई बिल्डिंग बनाकर स्वास्थ्य केंद्र का संचालन का जिमा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के हाथ में रहता है, लेकिन जब जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ही नदारत मिलते हैं तो इससे आप क्या अंदाज लगा सकते हैं, झाबुआ हलचल को मिली जानकारी के अनुसार खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर काफी लंबे समय से चिकित्सक नहीं होने से ग्रामीणजनों को सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा था। कई बार हमने समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किए थे, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों के नींद खुली और खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लगभग दो माह से नए चिकित्सक के रूप में डा,राकेश निनामा पदस्थ हो गए हैं, निनामा जी को पदस्थ हुए कुछ ही माह हुवे लेकिन डा.निनामा जी अब भी मेघनगर से प्रतिदिन अप डाउन करते हैं जिससे खवासा की पचास हजार की आबादी को समुचित स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया की डॉक्टर तो 10 से 2 बजे तक ओपीडी में उपस्थित रहते हैं उसके बाद शाम को 5 से 6 बजे उपस्थित नहीं रहते हैं, जबकि शासन व स्वास्थ्य विभाग का नियम है कि शाम के समय 5 से 6 बजे के बीच में चिकित्सक को उपस्थित रहना है ओपीडी में लेकिन यहां पदस्थ हुए नए चिकित्सक निनामा जी 2 बजे बाद अस्पताल से छुट्टी मार कर अपने घर की ओर रवाना हो जाते हैं ग्रामीणों की बात व जानकारी लेने के बाद झाबुआ हलचल ने तीन दिन तक अस्पताल में निगरानी रखते हुए फोटो कैमरे में कैद किए जिसके बाद ग्रामीणों की बात सही निकली हमारी टीम जब वहां पहुंची तो अस्पताल में सिर्फ एक वार्ड बाय व एक एनएम ही उपस्थित थी बाकी पूरा अस्पताल में स्टाफ नदारत था, वहां पदस्थ वार्ड बॉय से जब जानकारी ली तो उनका कहना था कि सब निकल चुके हैं, डाक्टर को कोई आवश्यक कार्य था तीन दिन तक हमें सिर्फ यही जवाब मिला जबकि ओपीडी में 5 से 6 बजे कोई डॉक्टर मिलता ही नहीं क्या ग्रामीण अंचलों में चिकित्सक ऐसे ही ओपीडी में अनुपस्थित रहेंगे तो कैसे ग्रामीणों को समुचित लाभ मिल पाएगा यह सबसे बड़ा प्रश्न है,
ओपीडी मे कम अवैध चिकत्सक पर ज्यादा ध्यान दे रहे है निनामा जी…
खवासा में पदस्थ हुए निनामा जी अभी दो माह हुए हैं, खवासा क्षेत्र के आसपास में जिनके पास बीएचएमएस की डिग्री है उनके यहां चेकिंग करते हुए कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि कार्रवाई करने का जिम्मा तो बीएमओ वह जिला स्वास्थ्य अधिकारी को है, लेकिन निनामा जी 2 बजे बाद अवैध चिकित्सक के यहां कार्रवाई व जांच पड़ताल के लिए पहुंच जाते हैं, हम यहां यह कतई नहीं कह रहे हैं कि अवैध चिकित्सकों पर कार्रवाई नहीं करे लेकिन अस्पताल की और भी थोड़ा ध्यान देना होगा ताकि ग्रामीणों को परेशानी नहीं झेलनी पड़े।
एक अवैध चिकित्सक पर कार्रवाई बाकी मामला फिर ठन्डे बस्ते मे कहीं मामला सेटिंग तक सीमित तो नहीं हो गया। कुछ दिनों पूर्व राजस्व विभाग व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खवासा मे अवेध चिकित्सको पर कार्रवाई की थी लेकिन मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया या और चर्चा चौराहे पर चल रही है, की अंदर ही अंदर मामला सेटिंग में सीमेंट गया तो वहीं जिससे ग्रामीण दबी जुबान से कह रहे हैं कि नया जूता थोड़े दिन कटता उसके बाद अपने आप ढीला हो जाता है, यह चर्चा चौराहे पर चल रही है।
खवासा में पाटीदार लेब संचालित होती है उसकी अनुमति नहीं ली गई
शासन के स्पष्ट निर्देश की एक रजिस्ट्रेशन पर सिर्फ एक ही लैब संचालित हो सकती है लेकिन जब एक रजिस्ट्रेशन होने के बाद दो-दो जगह लेब चले तो इसे आप क्या कहेंगे बिना मिली भगत के यह इस तरह से अवैध लैब नहीं चल सकती स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जांच करना चाहिए तथा खवासा में जो पाटीदार लेब संचालित होती है उसकी अनुमति ली है या नहीं प्रशासन को जांच करके पाटीदार लेब पर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ग्रामीणों का शोषण ना हो पाए खवासा में जो संचालित हो रही लेब पर किराए का लड़का रखते हुए महीने के 12 हजार दे रहे हैं तो बिना एमडी व पैथोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति में अवैध तरीके से रिपोर्ट तैयार की जा रही है इस और जिला स्वास्थ्य अधिकारी को ध्यान देना चाहिए।
इनका कहना है।
मैं मामले को दिखवाता हूं और जानकारी लेता हूँ की कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही है, लैब में एमबीबीएस या एमडी डॉक्टर तो होना ही चाहिए अगर ऐसा कुछ है खवासा में तो मैं कार्रवाई जरूर करूंगा।
बीएस बघेल सीएमएचओ झाबुआ