किसानों का टमाटर की खेती से हुआ मोह भंग,,,,अब खेतो में खिल रहे कश्मीरी गुलाब।
रायपुरिया@राजेश राठौड़
रायपुरिया निप अंचल में धीरे धीरे अब टमाटर की खेती से मोह भंग होता जा रहा है जहां कभी सीजन में रोजाना सैकड़ो टमाटर की गाड़ियां राजधानी दिल्ली की मंडियों में जाती थी, अब पिछले चार पांच वर्षों में दर्जनों में सीमित हो गई अभी तो वह भी नहीं के बराबर जाती है उसका एक ही कारण है इतनी लागत लगाने के बाद भी किसानों को हर वर्ष घाटे का सौदा होता जा रहा है। इस टमाटर, मिर्ची की फसल पर हर वर्ष नई बीमार आ जाती है इस वजह से अब किसान दुसरी खेती करने का मन बनाया है गांव के किसान नंदलाल पाटीदार, गंगाराम पाटीदार, मोहनलाल पाटीदार, रामचन्द्र पाटीदार, राजेश पाटीदार व रतनलाल पाटीदार ने अपने खेतों में कश्मीरी गुलाब के फूल की खेती करने लग गए है किसान बताते हैं कि यह किस्म पांच आठ वर्ष से अधिक समय तक उत्पादन देती रहती है इन्दौर ,रतलाम की फुल मंडी में रायपुरिया गांव के गुलाब पहुंचे रहे जहां इनको काश्मीर लाली के नाम से मंडी पहचानी जाती है किसान नंदलाल पाटीदार ने बताया कि हमारे यहां छः बीघा खेत में गुलाब के पौधे लगा रखे हैं हमने 12 हजार पौधे लगाए हैं लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये का खर्च हुआ शुरूआत से अभी तक 30 प्रतिशत तक खर्च निकल गया है अभी तो छः से आठ महीने का पौधा है इसलिए कम निकल रहे एक साल का पौधा होने बाद गुलाब फुल अच्छी मात्रा निकलेगा इस खेती में मल्चिंग और ड्रिप लगानी पड़ती हैं और दवाईयां एवं खाद छिड़काव बहुत कम करना पड़ता है तो यह पैसा बच जाता है धीरे-धीरे किसान अब टमाटर एवं मिर्ची की फसल को अलविदा करते जा रहे क्योंकि सही भाव न मिलने पर टमाटर फेंकना पड़ता हैं और मवेशियों को भी खिलाना पड़ता है इसलिए अब किसान अन्य फसलों पर ध्यान आकर्षित कर रहे है। अब किसान हरी साग सब्जी बागवानी पर भी केंद्रित हो रहे हैं। गुलाब सुबह जल्दी पौधे से तोड़ना पड़ता फिर पाऊं की थैली डालकर मंडी भेजा जाता है।