माही नहर के पानी के लिए किसानों ने मेंन नहर पर किया आंदोलन।
सारंगी@संजय उपाध्याय
रबि सीजन की गेहूं चना फसलों की बुवाई में जुटे किसानों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है किसानों ने पानी के लिए आज मोहनपुरा फाटा मेन नहर पर एकत्रित हो कर नहर खुलवाने के लिए बैठ गए उसके बाद प्रशासन के अधिकारियों से फोन पर चर्चा हुई अधिकारियों ने नहर खोलने का आश्वासन दिया पर किसान तत्काल नहर खोलने पर अड़ गए किसानो के आक्रोश को देखते हुए नहर को चालू किया किसानों का कहना है नहर चालू हुए 15दिन हो गए पर सारंगी के किसानों के साथ प्रशासन का सौतेला व्यवहार रहता है नहर का पानी बाद में मिलता है और आखरी में फसल पकने के समय डेम में पानी खत्म होने का हवाला दे कर नहर बंद कर दी जाती है नहर का पानी समय पर नहीं मिलने से उपज में कमी होती है गेहूं बारीक रह जाते हैं जब किसान सोसाइटी में गेहूं तुलवाने जाता है सोसायटी में बारीक गेहूं होने के कारण तूल नहीं पाता किसान व्यापारी के पास गेहूं बेचने जाता है तब किसान को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है पहले नहर का संचालन जल उपभोक्ता समितियो के द्वारा संचालन किया जाता था लेकिन करीब 3 वर्षों से जल उपभोक्ता समितियां के चुनाव नहीं हुए हैं नहर का संचालन माही नहर के संचालन का जिम्मा अधिकारियों पर है पर अधिकारियों की मनमानी के चलते नहर का संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा हे।किसानो से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगर नहर का संचालन व्यवस्थित ढंग से नहीं होता है तो किसान बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे है जिसकी समस्त जवाबदारी माही प्रशासन के अधिकारियों की रहेगी
जल उपभोक्ता संस्था के पूर्व अध्यक्ष अग्निनारायण सिंह राठौर, हर्षवर्धन सिंह राठौर , जनपद सदस्य रजनीश पाटीदार, जगदीश निनामा नरसिंग भूरियाआदि कई किसानों का कहना है अगर प्रशासन ने इसऔर ध्यान नहीं दिया तो मजबूरन किसानों को बड़े आंदोलन की ओर बढ़ना पड़ेगा।