पीडिता को अपहरण करने वाले आरोपी को हुआ 5 वर्ष का सश्रम कारावास।
झाबुआ@बबलू बैरागी
माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायालय श्री सुभाष सुनहरे साहब, झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा आरोपी उमेश पिता सोमला डावर, आयु 30 वर्ष निवासी दौलतपुरा को दोषी पाते हुये धारा 366 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- हजार रुपये के अर्थदंड धारा 506(2) भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।शासन की ओर से प्रकरण का संचालन श्रीमति मनीषा मुवेल, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी जिला झाबुआ द्वारा किया गया। जिला मीडिया प्रभारी सुश्री सूरज वैरागी, अभियोजन अधिकारी झाबुआ द्वारा बताया गया कि पीड़िता ने स्वयं थाना उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखाई कि दिनांक 16.07.2022 को सुबह पारा से भाबर बस में बैठकर यूनियन बैंक झाबुआ में काम से आई थी। काम हो जाने से करीबन 01 बजे डामोर बस में बैठकर वापस जा रही थी कि जैसे ही खयडु घाटी के आगे पानी की टंकी के पास बस रूकी, बस में तीन लड़के चढ़े जिसमें से एक लड़का उमेश पिता सुमला डावर निवासी दौलतपुरा का था व एक अन्य लड़का था। उमेश का पीड़िता के गांव में आना-जाना था इसलिए पीडिता उसे जानती है। उमेश पीड़िता को बस से जबरदस्ती उतारने लगा व उसके साथ उसने अपने साथी को बोला कि संजय इसे उतारने में मदद कर तो पीड़िता ने संजय का नाम सुना। पीड़िता चिल्लाई तो उसने मुंह दबा दिया फिर टवेरा गाड़ी में बैठाकर दत्तीगांव तरफ ले जाने लगा। उमेश ने पीड़िता से बोला कि वह उसे औरत बनाकर रखेगा। पीड़िता चिल्लाने लगी तो वो बोला कि चिल्लाई तो तुझे जान से खत्म कर दूंगा। टवेरा गाड़ी में 4 व्यक्ति थे। फिर पीड़िता को दत्तीगांव टोलटेक्स पर ले गये, पीड़िता ने चिल्लाया तो टोल टेक्स वालों ने पुलिस को सूचना दी। उसके बाद कल्याणपुरा के खेड़ा गांव में ये सभी पीड़िता को छोड़कर भाग गए। बाद पीड़िता अपनी मां और बड़े पापा को साथ लेकर थाने पर रिपोर्ट करने गई थी। फरियादी कि रिपोर्ट पर से थाना झाबुआ में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय मे प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान माननीय द्वितीय अपर सत्र न्यायालय श्री सुभाष सुनहरे साहब, झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा द्वारा दिनाँक 23.3.24 को आरोपी उमेश पिता सोमला डावर, आयु 30 वर्ष निवासी दौलतपुरा को दोषी पाते हुये धारा 366 भादवि में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- हजार रुपये के अर्थदंडc धारा 506(2) भादवि में 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।