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पेटलावद: फायर ऑडिट रिपोर्ट न होने पर नगर परिषद ने दो लॉज किए सील..!

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पेटलावद@डेस्क न्यूज 

नगर परिषद पेटलावद की सीएमओ आशा भंडारी और उनकी टीम ने आज चौधरी लॉज और रॉयल लॉज को सील कर दिया। यह कार्रवाई तब की गई जब दोनों लॉज के मालिकों द्वारा फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई।

फायर सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए नगर परिषद द्वारा यह कार्रवाई की गई। फायर ऑडिट रिपोर्ट की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद ने दोनों लॉज को तुरंत सील करने का निर्णय लिया। यह कदम सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा के मानकों का सख्ती से पालन किया जाए और आग जैसी आपदाओं से निपटने के लिए उचित उपाय किए जाएं।

*फायर ऑडिट रिपोर्ट का महत्व:*

फायर ऑडिट रिपोर्ट किसी भी सार्वजनिक स्थान जैसे लॉज, होटल, और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि इमारत में आग से बचाव के सभी उपाय मौजूद हैं और अगर कोई आकस्मिक स्थिति आती है, तो उसे संभालने की तैयारी है।

*कार्रवाई का उद्देश्य:*

सीएमओ आशा भंडारी ने बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल नियमों का पालन करवाना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि पेटलावद के सभी सार्वजनिक स्थलों में लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। नगर परिषद समय-समय पर सभी प्रतिष्ठानों से फायर ऑडिट रिपोर्ट की मांग करती है ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।

*आगे की प्रक्रिया:*

सील की गई इन दोनों लॉजों के मालिकों को अब फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जब तक वे यह रिपोर्ट नगर परिषद को नहीं देते, तब तक इन लॉजों को खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, अन्य लॉज और होटलों को भी नगर परिषद ने सख्त चेतावनी दी है कि वे अपनी फायर ऑडिट रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी।

*स्थानीय प्रतिक्रिया:*

इस कार्रवाई के बाद स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों में भी हलचल देखी गई। कई लोगों ने इसे सुरक्षा के लिहाज से एक सकारात्मक कदम बताया, जबकि कुछ ने लॉज मालिकों को भी समय पर रिपोर्ट तैयार करने की सलाह दी।

निष्कर्ष:

फायर सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद की यह कार्रवाई अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए एक सख्त संदेश है कि सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। फायर ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान के खिलाफ इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

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