Uncategorized

प्राचीन माँ भद्रकाली शक्ति पीठ की पावन नगरी ग्राम रायपुरिया में सात दिन बहेगी भागवत भक्ति गंगा, सात दिवसीय कथा के मध्य ठाकुरजी के दिव्य लीला प्रसंग आचार्य देवेंद्र जी शास्त्री के मुखारविंद से सुनाए जाएंगे।

रायपुरिया@राजेश राठौड़ 

रायपुरिया-निप माँ भद्रकाली शक्ति पीठ की पावन धरा की नगरी रायपुरिया में सात दिसंबर से 13 दिसंबर तक भव्य भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा। जिसमे श्रीकृष्ण कामधेनु गौशाला एवं हरिहर आश्रम बनी के संस्थापक, विद्या साधना केंद्र के पीठाधीश्वर आचार्य डॉ. देवेंद्र शास्त्री धारियाखेड़ी मंदसोर व्यासपीठ पर विराजित होकर भगवान राधासर्वेश्वर प्रभु की दिव्य लीलाओं का गुणानुवाद करेंगे। रायपुरिया के झाबुआ रोड़ स्थित निवास बसंतीलाल सोलंकी परिवार की ओर से संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। सात दिवसीय कथा का शुभारंभ विशाल कलश शोभायात्रा से होगा। यह शोभायात्रा सात दिसंबर को सुबह 9 बजे श्रीराम मंदिर रायपुरिया से गाजे-बाजे के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए कथास्थल पहुंचेगी। कलश यात्रा का मार्ग में विभिन्न समाजो द्वारा पुष्प वर्षा से स्वागत किया जाएगा।

*पड़ोसी प्रान्तों से कथा श्रमण करने आएंगे श्रोता।*

कथा में भाग लेने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र राजस्थान व अन्य राज्यों समेत मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से श्रोता रायपुरिया कथा में धर्मलाभ लेने पहुंचेगी। भागवताचार्य कथा के लिए चार दिसंबर को बनी आश्रम पर पधारेंगे। उनके आगमन पर कथा आयोजक सोलंकी परिवार उनका आत्मीय अभिनंदन व स्वागत करेंगे। आचार्य आगामी सात दिवस तक कथास्थल परिसर में बने आवास पर ही प्रवास करेंगे। स्वागत के दौरान कई श्रद्धालु मौजूद रहे।

*शुकदेवजी के आगमन से होगी शुरूआत*

आयोजन के प्रमुख सूत्रधार मुकेश पाटीदार बनी, हरिराम पाटीदार बनी ने बताया कि सात दिवसीय कथा के मध्य ठाकुरजी के दिव्य लीला प्रसंग सुनाए जाएंगे। प्रथम दिन सात दिसंबर को श्रीमद् भागवत कथा महात्म्य व शुकदेवजी के आगमन की कथा सुनाई जाएगी। 8 दिसंबर को कपिल उपदेव व ध्रुव चरित्र, 9 दिसंबर को प्रहलाद चरित्र, नरसिंह अवतार और वामन अवतार की कथा होगी। दस दिसंबर को श्रीराम अवतार व श्रीकृष्ण जन्म प्रसंग सुनाया जाएगा। सभी भक्त धूमधाम से प्रभु का जन्मोत्सव मनाएंगे। 11 दिसंबर को श्रीकृष्ण की बाल लीला व गोवर्धन लीला प्रसंग सुनाया जाएगा। 12 दिसंबर श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के साथ गोवर्धन पूजा की जाएगी। 13 दिसंबर को रासलीला रहस्य, गोपी गीत और उद्धव चरित्र की कथा के साथ श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह उत्सव धूमधाम से मनाएंगे। 15 दिसंबर को श्रीकृष्ण सुदामा चरित्र का वर्णन किया जाएगा।

*हजारों श्रोता करेंगे कथा श्रवण*

सात दिसंबर से प्रारंभ होने वाली कथा का 13 दिसंबर को कथा को समापन होगा। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक होने वाली कथा में सुदामा चरित्र, परिक्षित मोक्ष व शुकदेवजी की विदाई का प्रसंग सुनाया जाएगा। आयोजन से पूर्व छह दिसंबर की शाम को कलश शोभायात्रा, पांडाल व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, प्रसाद वितरण, आवास व्यवस्था, पार्किंग व्यवस्था व अन्य आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। कथास्थल पर भव्य पांडाल का निर्माण करवाया जा रहा है। मंच के पार्श्व पटल पर मंदिर की सुंदर छवि लगाई है। इस पांडाल में करीब सात हजार श्रोताओं के बैठने की व्यवस्था रहेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
×

Powered by WhatsApp Chat

×