राजनीति की शतरंज पर विरोधी हुए एक , अपने ही पार्टी को हराने के लिए हुआ समझौता।
झाबुआ/अलीराजपुर
विधानसभा चुनाव अब रोचक स्थिति में पहुँच चुके है । इन चुनावो में प्रतिभागी हर व्यक्ति चुनावी शतरंज पर अपनी चल रहा है और हर व्यक्ति अपना गुणा गणित लगा रहा है। शतरंज की ये चाले कई बार एक आम आदमी को समझ आती है और कई बार लोग दूर तक इन चालो को समझ नही पाते है। आज हम आपको राजनीति की बिसात पर चली जा रही कुछ चलो को समझाने की कोशिश करते है।
शुरुआत करते है झाबुआ विधानसभा से :- झाबुआ विधानसभा की राजनीतिक बिसात पर शतरंज की पहली बाजी कांग्रेस ने मार ली है जानकारों की मानें की कांग्रेस ने जेवियर के माध्यम से आम आदमी पार्टी के द्वारा होने वाले अपने वोटो के बंटवारे को रोक लिया है और आम आदमी पार्टी को चारों खाने चित्त कर दिया है कांग्रेस की ये चाल दरअसल भाजपा की उस चाल का जवाब थी जिसके माध्यम से भाजपा कांग्रेस के वोट बैंक बड़ा नुकसान पहुचाने की मंशा थी ।
अब आते है अलीराजपुर जिले पर :- अलीराजपुर जिले में दो महत्वकांक्षी राजनेता चुनाव लड़ रहे है एक भाजपा से और एक कांग्रेस से । एक अलीराजपुर विधानसभा से और एक जोबट विधानसभा से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि दुनिया के सामने परस्पर विरोधी नेता व्यवसायिक मामलों में साझेदारी का भाव रखते है।अब ये दोनों नेता अलग विधानसभा में अलग अलग पार्टियों से चुनाव लड़ रहे है ऐसी स्थिति में भी दोनों की साझेदारी समझ बनी हुई है।राजनीतिक जानकारों की माने तो दोनों की बीच एक समझौता हो गया है कि दोनों एक दूसरे को चुनाव में बाजी जीतने में इनडायरेक्ट मदद करेंगे।
अब दोनों एक दूसरे को मदद कैसे कर रहे है इसे भी समझने की कोशिश करे :- आपसी समझौते के अनुसार अलीराजपुर के हिंदूवादी पार्टी के नेता जी जोबट में निर्दलीय उम्मीदवार माधौ सिंह डावर को कमजोर करेंगे ,यानी हिंदूवादी पार्टी के नेता जी माधु सिंह समर्थकों को भाजपा के उम्मीदवार के पक्ष में काम करने के लिये मनाएंगे या अपने तरीके से समझायेंगे यहाँ शतरंज की चाल यह है कि जितना माधु सिंह कमजोर होंगे अलीराजपुर निवासी दोस्त उम्मीदवार के जितने की संभावना उतनी अधिक होगी।
समझौते का दूसरा पहलू यह है कि मुस्लिम समर्थक पार्टी के जोबट उम्मीदवार जिनका अलीराजपुर विधानसभा में अच्छा खासा जनाधार है वो अपने समर्थकों को कांग्रेस पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए नही कहेंगे यानी वो अलीराजपुर विधानसभा में किसी तरह की कोई दखलन्दाजी नही करेगे अर्थात वो मौन रह कर या आखिरी दोनों में सक्रिय रहकर व्यवसायिक दोस्त को अलीराजपुर विधानसभा में जितने में मदद करेंगे । शतरंज की इस चाल का उद्देश्य यह है कि दोनों साझेदार दोस्त विधानसभा पहुच सके।