सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने कट्ठीवाड़ा गबन कांड को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र,,,तो हिरा भरेंगे सदन मे हुंकार।
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अलीराजपुर@मनीष अरोड़ा
सामाजिक कार्यकर्ता नितेश अलावा ने डॉ हीरालाल अलावा और कमलेश्वर डोडियार को विधानसभा में आवाज उठाने के लिए लिखा था पत्र।
अलीराजपुर जिला निम्न साक्षरता दर में पहले पायदान पर है, यह कलंक मिटा नहीं है, इस कलंक को मिटाने की जिम्मेदारी न प्रशासन ने ली और न ही जनप्रतिनिधियों ने ली।
अलीराजपुर आदिवासी बाहुल्य जिला है और इस जिले में शिक्षा के प्रति जिम्मेदारों द्वारा रुचि नहीं दिखाई जा रही तो सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कदम उठाने शुरू किए।
अलीराजपुर से सामाजिक कार्यकर्ता नितेश अलावा ने जिले की शासकीय स्कूलों की जर्जर हालात को लेकर चिंता जाहिर की पिछले तीन वर्षो से कलेक्टर और जिम्मेदारो से पत्राचार कर परिस्थियों से अवगत करवाकर सुधार करवाने का निवेदन किया, लेकिन स्कूलों का सुधार होना तो ठीक उल्टा कट्ठीवाड़ा शिक्षा विभाग BEO कार्यालय में 20 करोड़ से अधिक का गबन होने की खबरें आ गई, प्रशासन उस मुद्दे पर कड़ी कार्यवाही करेगा, दोषी की संपति कुर्क करेगा, क्षेत्र की शिक्षा सुधार के लिए भविष्य में ऐसा गबन न हो उसके लिए कड़ी मेहनत करेगा यह उम्मीद थी,लेकिन आदिवासियों की इस उम्मीद पर पानी फिर गया और मुख्य आरोपी को आसानी से जमानत मिल गई। और सह आरोपी जेल में है। डॉ. हिरा अलावा मनावर विधायक और jays के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए आगामी विधानसभा मे बात रखने का आश्वासन दिया तो सेलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख इन बिंदुओं पर अविलंब कार्यवाही चाही।
1. विगत दिनों प्रदेश स्तर पर सुर्खियों में रहे कट्ठीवाड़ा बीईओ कार्यालय में 20 करोड़ से अधिक शासकीय राशी का अपने रिश्तेदार के खाते में ट्रांसफर कर गरीब बच्चों का हक मारने वाले शासकीय लोकसेवक कमल राठौर मुख्य आरोपी के रूप में तस्दीक हुआ है।
2. यह की उक्त सम्पूर्ण घोटाले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी कमिशनर इंदौर की निगरानी मे की जाकर कार्यवाही हुई, जिसमे कमल राठौर निवासी अलीराजपुर मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया, जिसके बाद कमल राठौर फरार हो गया।
3. यह की कमल राठौर एक गैर आदिवासी होकर ये जानता था की आदिवासी बच्चों का भविष्य इस शासकीय राशी से जुड़ा है, इसके बावजूद उसने जानबूझकर अपने सहयोगी और रिश्तेदार के साथ मिलकर षड्यंत्र रचकर उक्त राशी 20 करोड़ से भी अधिक को ट्रांसफर कर महाघोटाला किया। जिस पर एफआईआर तो की गई. लेकिन एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्यवाही नहीं की गई, आखिर क्यों ?
4. यह कि कमल राठौर मुख्य आरोपी है जिसे माननीय न्यायालय द्वारा जेल भी भेज दिया गया, किन्तु कुछ ही दिनों में उसे जमानत दे दी गई, जबकि उसके अन्य सहयोगी अभी तक जेल में ही है।
5. यह कि कमल राठौर शिक्षक से बाबू बनकर पद के विपरीत सेवा देकर अपने शासकीय पद का दुरूपयोग करता रहा जिसमे वरिष्ठ अधिकारी तत्कालीन बीईओ भी शामिल होने की आशंका है जिसकी जांच होना भी आवश्यक है।
6. यह कि कमल राठौर नामक बाबू (शिक्षक) ने 132 से अधिक फर्जी खातों मे राशि ट्रांसफर की तो, क्या वो सभी खातेदार ये सब जानते थे, कि यदि इस घोटाले में किए गए अवैध रुपए का ट्रांसफर जानते थे तो उन पर कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं? और उन्हें क्यों आरोपी नहीं बनाया गया।
उपरोक्त बिन्दुओ के साथ विधायक कमलेश्वर डोडियार ने ईस सबंध मे जल्दी ही कार्यवाही की मांग करते हुए आगामी विधानसभा सत्र मे ईस सबंध मे सवाल उठाने की बात कहीं और शिक्षा विभाग मे हो रही अनियमितताओ क़ो लेकर आदिवासी समाज के जागरूक लोगो मे भी आक्रोश नजर आरहा है और आगामी समय मे जिलेभर की समस्याओं क़ो लेकर बड़े स्तर का आंदोलन की रणनीति भी बनते नजर आरही है जिसमे ये आदिवासी समाज के नाम पर बने तीनो विधायक मनावर डॉ.हिरा अलावा,सेलाना से कमलेश्वर डोडियार, तो सेंधवा से मोंटू सोलंकी भी शिरकत कर शासन प्रशासन क़ो सवालों के घेरे मे खड़ा कर सकते है।वही नितेश अलावा का कहना है की ये सारे मामले पुराने है शिक्षा की अव्यवस्था क़ो लेकर निरस आदिवासी बच्चे स्कूलो से दुरी बना रहे है नतीजा शिक्षा का गिरता स्तर और गलत संगत मे पड़ता भविष्य निश्चित ही आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए ईस गंभीर मुद्दों पर पुरे जिलेवासियो क़ो साथ लेकर चलना होगा और लड़ना होगा। ईस सबंध मे जिले के स्थानीय नेता लोकप्रिय विधायक और केबिनेट मंत्री मानo नागरसिंह जी चौहान और नवनिर्वाचित सांसद मानo अनीता चौहान जी से भी जल्दी ही मिलकर उचित कार्यवाही की मांग करने की बात कहीं।