सौतेली मां के प्रताड़ना से नाबालिक घर छोड़ भागा,, स्कूल न भेजकर काम पर भेजते थे ना मानने पर उल्टा टांग कर पीटा जाता,, मुझे स्कूल जाना है पढ़ना है।
बामनिया/खवासा
जितेंद्र वैरागी / आनंदीलाल सिसोदिया
एक 13 वर्ष का बालक के साथ ऐसा क्या हुआ जो अपने मां-बाप को छोड़कर अपने घर से दूर एक अजनबी के घर में पिछले दो से तीन माह से छुप कर रहने को मजबूर है। यह घटना है, विकासखंड थांदला के बड़ी झरिया सांगवा कि विनोद पिता खुमचंद माल की जो अपने सौतेली मां के अत्याचारों से परेशान है। उसका कहना है जब भी में स्कूल जाता हु तो मेरा पिता मार पीट कर मुझे कहीं काम पर भेजता है। उसकी मां उसको खाना नहीं देती,और जानवरों जैसा सलूक करती है। विनोद सातवीं क्लास तक पढ़ा हुआ है। विनोद ने बताया काम छोड़कर स्कूल जाता था। तो उसको घर में उल्टा टांग कर मर जाता था। वह एक दिन मौका पाकर घर से भाग निकला।
वही करण वसुनिया निवास सातेर का कहना है कि जब मैं बामनिया से काम कर घर जा रहा था। तब मुझे खवासा की ओर से यह बालक रोते हुए आता दिखा। मैंने इसके साथ किसी को नहीं देखा और रात का समय होने को था। इसने इसकी आप बीती मुझे बताई। फिर इसको लेकर मैं घर आ गया। मैं जब यहां भी स्कूलों में इसका दाखिला कराने की कोशिश की परंतु कागजों की कमी से इसका दाखिला नहीं हुआ। और इसको बोला कि तू घर चले जा पुलिस वालों को बोलेंगे वह सब सही कर देंगे। परंतु यह बोलता है कि मैं यहां से कहीं भाग जाऊंगा पर घर नहीं जाऊंगा। और मेरे द्वारा इसके गांव में बालक की यहां होने की सूचना भी भेजी परंतु वहां से अभी तक कोई नहीं लेने के लिए आया।