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मुकेश सिसोदिया✍️
जिले के थांदला शासकीय अस्पताल में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक गर्भवती महिला को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण उसने अस्पताल परिसर में खड़े-खड़े बच्चे को जन्म दिया। इस घटना के बाद नवजात शिशु की मौत हो गई, जिससे परिजन और ग्रामीण आक्रोशित हो गए हैं।
गर्भवती महिला रवीना मुनिया, 14 अगस्त को उल्टी दस्त के इलाज के लिए थांदला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची थी, कुछ समय बाद उसे लेबर पेन हुआ, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने उसे सही समय पर चिकित्सा सुविधा प्रदान नहीं की और अस्पताल परिसर में पैदल घूमने की सलाह दी। इस दौरान महिला ने अस्पताल परिसर में ही शिशु को जन्म दिया, और बच्चा नीचे गिर गया , जिससे नवजात के सिर में चोट लगने से उसकी हालत गंभीर हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने नवजात को जिला चिकित्सालय रेफर किया, जहां 17 अगस्त की सुबह शिशु की मृत्यु हो गई। पीड़ित परिवार ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थांदला थाने में शिकायत दर्ज कराई और शासकीय अस्पताल परिसर में धरना दिया। आदिवासी संगठन भी पीड़ित परिवार के समर्थन में आ गए हैं और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीएमओ बी एस डावर के अनुसार, महिला को भर्ती किया गया था और डिलीवरी के बाद शिशु स्वस्थ था। लेकिन रात को उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। पुलिस ने घटनास्थल पर तैनाती बढ़ा दी है और मामले की जांच जारी है।