सनातन धर्म में ही सभी जीवों की प्रति दया का भाव होता है श्री राम कथा के तीसरे दिन मनाया श्री राम का जन्मोत्सव।
खवासा@आयुष पाटीदार
खवासा – खवासा से 4 किलोमीटर दूर मादलदा रोड पर स्थित छोटे से आदिवासी बहुल भमरिया ग्राम में चल रही श्री राम कथा में खवासा सहित आसपास के आदिवासी समाज के लोग सम्मलित हो कर कथा का रसपान किया जा रहा है। कथा के तीसरे दिन कथा वाचक साध्वी सुश्री ऋतुजी पांडे ने रामायण कथा का सार समझाया जिसमे बताया कि भगवान नारायण को धरती पर मानव के रूप में अवतार क्यो लेना पड़ा।वह कहती है कि जब जब धरती पर धर्म की हानि होती व पाप बढ़ जाता है तो प्रभु को अधर्म का नाश करने के लिए अवतरित होना पड़ता है वही रितु जी पांडे ने कहा कि राम के रूप में भगवान विष्णु को भी सांसारिक जीवन में कई दुखो का सामना करना पड़ा फिर भी राम ने मर्यादा,संस्कार ,धर्म ,प्रेम ओर ईमानदार में रहकर अपने कर्तव्यों का पालन किया। सनातन धर्म ही हमे सभी जीवों के प्रति दया का भाव सिखाती है सनातन में ही गाय को माता के रूप में पूजा जाता है तो चींटियों को भी भोजन दिया,नदियों की पूजा,व्रक्षो की पूजा कीजाती है इसलिये समाज में व्याप्त कुरीतियों में जीवो की हत्या ओर शराब से दूर रहना चाहिए क्योंकि इनके सेवन से हमारा धर्म भृष्ट हो जाताहै कथा में श्री राम जी का जन्मोत्सव आदिवासी डोल मदल की धुन पर मनाया गया तो श्रीरामजन्म की बधाइयाँ बाटी गई।