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“सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री को कुछ ही घंटों में झाबुआ पुलिस ने कैसे सुलझाया…जानिए एक क्लिक में…झाबुआ हलचल पर..।

ब्लाइंड मर्डर कैस: उधारी के पैसे मांगने पर प्रेमी ने कर दी प्रेमिका की पत्थरों से सिर कुचलकर हत्या, एसपी ने किया खुलासा, चंद घंटों में सुलझाई ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी ….

#JhabuaHulchul

झाबुआ@डेस्क। जिले के कल्याणपुरा ईलाके के पास में सनसनी मचाने वाले महिला के ब्लाइंड मर्डर का पुलिस ने चंद घंटों में ही खुलासा कर 1 आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ कि प्रेमी ने ही अपनी प्रेमिका की इस बात को लेकर हत्या कर दी कि वो उससे उधारी के पैसे और भांजगढ़ी के पैसे देने का दबाव बना रही थी। प्रेमी वो पैसे वापस देना नही चाहता था, इसलिए उसने प्रेमिका से हुए झगड़े के बाद गुस्से में आकर उसकी हत्या कर दी।एसपी पद्म विलोचल शुक्ल ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इसका खुलासा किया। एसपी श्री शुक्ल ने बताया कि 3 मई को ग्राम भगौर में नेगड़ी नदी के पास खेत में अज्ञात महिला की लाश मिलने की सूचना पुलिस को मिली थी। इसके बाद कल्याणपुरा की पुलिस टीम तत्काल घटना स्थल पर पहुंची। जहां पर एक अज्ञात महिला की लाश थी जिसको किसी अज्ञात हत्यारे ने पत्थरों से मारकर सिर कुचल रखा था। पुलिस ने मृतिका का पीएम करवाया गया। इसके बाद पीएम रिपोर्ट में मृतिका की मृत्यु सिर में आई प्राणघातक चोट से होना पाया गया। 

इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर धारा 302 भादवि के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। रोगंटे खड़े कर देने वाले इस ब्लाइंड मर्डर को देखते हुए एसपी शुक्ल द्वारा संपूर्ण घटना को गंभीरता से लेते हुए एडिशनल एसपी प्रेमलाल कुर्वे को विभिन्न टीमों के साथ तत्काल घटनास्थल पर रवाना किया गया। इसके बाद एडिशनल एसपी ने पेटलावद एसडीओपी सौरभ तोमर और उप पुलिस अधीक्षक कमलेश शर्मा के नेतृत्व में टीमें बनाकर संपूर्ण घटनाक्रम के खुलासे की जिम्मेदारी दी। 

ऐसे सुलझी ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी:

पुलिस के अनुसार जिस घटनास्थल पर अज्ञात महिला का शव मिला था वो पुलिस के लिये काफी चुनोतीपूर्ण था। मृतिका अज्ञात महिला की पहचान आसपास के लोगो से करवाई गई लेकिन उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी, फिर अन्य लोगों से विस्तृत रूप से पहचान करवाई गई तो अज्ञात महिला की पहचान सतुराबाई पति अपसिह सिंगाडिया निवासी बरोड के रूप में हुई। इस मृतिका महिला के बारे में जब पुलिस ने जानकारी निकाली तो पुलिस को पता चला कि मृतिका महिला को एक व्यक्ति अन्नु भूरिया के साथ दिखाई दी थी। अन्नू भूरिया को पुलिस हिरासत में लिया और उससे पूछताछ की, लेकिन हत्यारा अन्नू काफी चालाक था और उसने पहले पुलिस को इधर – उधर की बाते कर गुमराह करने लगा, लेकिन फिर भी शक की सुई उसी पर मंडरा रही थी, इसके बाद पुलिस टीम द्वारा बड़ी ही सूझबूझ से पुछताछ करने पर आरोपी अन्नु भूरिया ने सारा राज उगल दिया।

7 साल से चल रहा था प्रेम संबंध:

हत्यारे अन्नू ने पुलिस को बताया कि उसकी मृतिका सतुराबाई से 6-7 साल पहले पहचान हुई थी। आरोपी अन्नु भूरिया का मृतिका सतुराबाई से प्रेम संबंध था। हत्यारे ने मृतिका से कुछ रूपये उधार ले रखे थे और 3-4 माह पहले एक मामले में भांजगड़ी कराई थी। जिसमें हत्यारे को 2 लाख रूपये मृतिका की पार्टी को दिलवाना थे। उधार के रूपये के लिये वो अन्नू को बार-बार दबाव बनाने व परेशान करती थी। 

फिर यूं कर दी हत्या:

इसी बीच 2 मई को आरोपी अन्नु ने मृतक सतुराबाई को बहला फुसला कर चाँदी की रकमे सुनार के पास गिरवी रखने के लिये मंगवाई थी, लेकिन रात हो जाने के कारण दुकान बंद हो गई थी । जिस कारण रकम गिरवे नही रख पाया। फिर दोनों खाना-पीना लेकर नेगड़ी नदी के पास खेत मे सुनसान जगह गये। जहां वो खाना-पीना करकर सो गये। इसके बाद सुबह करीबन 4 बजे अन्नु व सतुराबाई के बीच उधार लिये गये पैसे और भांजगड़ी के पैसे की बात को लेकर विवाद हो गया, जो काफी बड़ गया। इसी विवाद विवाद में अन्नू ने गुस्से में आकर खेत की मेड पर रखे पत्थर को उठाकर सतुराबाई के सिर पर मार दिया, जिससे वो जमीन पर गिर गई, फिर अन्नू ने एक और पत्थर उठाकर उसके चेहरे पर मार कर हत्या कर दी और सतुराबाई के पास रखे चांदी के जेवर व मोबाईल लेकर नदी के रास्ते खुटाया जंगल मे मोबाईल की सीम तोड कर फेक दी और मोबाईल खाखरे के पेड पर छुपा दिया। अन्नू ने चाँदी के गहनों को उसके रिस्तेदार के घर प्रतापपुरा मे रख दिया। ताकि किसी को पता नही चल सकें। पुलिस ने उसके पास से करीबन 2 किलो चांदी और मृतिका का मोबाईल बरामद कर लिया है। इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा करने में कल्याणपुरा टीआई निर्भय सिह भूरिया, सउनि. मुकेश वर्मा, प्रेमचंद परमार, राजेन्द्र राजपुत, नरेन्द्र परमार, हिरालाल गिरवाल, प्रआर. नरवेसिह, प्रआर. चंदरसिह, दीपसिह पारगी, आर. राजेन्द्र, रविन्द्र, सुरेन्द्र, नारायण, संदीप बघेल, महेश प्रजापति, सुरेश चौहान, राकेश चौहान तथा S.I.T. टीम उनि. दिलीप सिह गोर, आर. गमतु किराडे, रतन मोर्य, प्रआर. महेन्दसिह नायक, आर. मनोहर भूरिया का सराहनीय योगदान रहा।

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