सरपंच निकालरहा चुनाव की अब रंजिश….पहले बाप बेटे दोनों सीएम को शिकायत करो फिर करूंगा काम।
बामनिया@जितेंद्र बैरागी
बामनिया:- गली मोहल्ले गांव हो या शहर हर जगह संविधान अनुसार चुनाव होते हैं। और स्वभाहिक बात है। जहां चुनाव होंगे वहां पर पक्ष विपक्ष के लोग आमने-सामने चुनावी मैदान में उतरेंगे। और उसे दौरान काफी जोर-शोर से खड़े हुए कैंडिडेट के कार्य करता प्रचार प्रसार करते हैं। किंतु चुनावी नतीजे आने के बाद स्थिति पुनः सामान्य हो जाती है। विजेता गांव का सरपंच बन जाता है उस गांव का मुखिया बन जाता है। उसके लिए पूरा गांव की जनता एक समान होती है। वाह चुनावी दौर भूलकर एक जनसेवक बन कर काम करता है।किंतु ग्राम पंचायत मुल्थानिया सरपंच प्रकाश राणा ठीक इसके विपरीत चुनावी रंजिश निकालने में लगे। आवेदक राहुल राणा ने बताया ग्राम पंचायत भवन में सरपंच साहब से कृषि कामकाज संबंधित आवेदन पर साइन कराने पहुंचे। जहां वह नहीं मिलने पर आवेदक द्वारा सरपंच महोदय को फोन लगाया गया तो फोन पर सरपंच ने कहा कि मैं अभी पेटलावद जा रहा हूं आ कर देखता हूं। जवाब में वापिस राहुल राणा ने कहा मुझे पेटलावद में ही आवेदन देना है आप वही साइन कर देना। इस पर सरपंच द्वारा जवाब देते हुए कहा कि तुमने चुनाव में मुझे वोट नहीं दिया। ओर मेरा प्रचार भी नहीं किया। तो पहले तो बाप बेटे सीएम को शिकायत करो उसके बाद ही मैं साइन करूंगा।