तीस वर्षों बाद सादगी और परम्परा के साथ निकली बारात।
रायपुरिया@राजेश राठौड़
रायपुरिया निप लगभग तीस वर्षों की पहले की परम्परा को आज एक परिवार ने जीवित कर दिया ग्राम पंचायत काजबी के गांव लालारुण्डी के दशरथ निनामा के लड़के ऋषभ निनामा की बारात बैलगाड़ी में निकली वह भी पुराने साधन जैसे ढोल ,कुंडी ,शहनाई के साथ नाचते गाते हुए बाराती निकले इस बारात को ग्रामवासी बड़ी गौर से देख रहे थे कहें रहे थे पुराने जमाने की याद दिला दी दुल्हे के पिता दशरथ का कहना था आज हमारे समाज में महगी शादी ब्याह होने लगे है इस वजह से परिवार कर्ज में डूब जाते है फिर शादी का कर्ज उतारने के लिए मजबूरन में बाहर मजदूरी करने जाना पड़ता है हमारा इस शादी के साथ एक ही उद्देश्य था कि समाज में एक संदेश पहुंचे कि इस तरह से भी शादी हो सकती है जिससे पैसा भी बचेगा और मजदूरी करने बाहर नहीं जाना पड़ेगा हमारी समाज में एक चलन सी हो गई है कि डीजे के साथ लगभग 20 से 25 तुफान गाड़ी बारात में ले जाते है साथ में शराब का भी बहुत खर्चा होता हैं यह सभी फीजुल खर्च है यह खर्च बचाया जा सकता है दुल्हे के फुफा लक्ष्मण मुनिया ने बताया कि इस परिवार ने समाज को एक अच्छा संदेश है कि शादीया इस तरह से भी हो सकती है यही पैसा बाद में दुल्हे दुल्हन के काम आयेगा हमारी संस्कृति को बचाना है तो सादगी और परंपरा के आधार पर भी शादियां हो सकती है।