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तत्‍कालीन कलेक्‍टर व मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्‍य उनके अधीनस्‍थ अधिकारीगण को अपने पद का दुरूपयोग करने व भ्रष्‍टाचार के मामले में हुआ कारावास।

झाबुआ@बबलू बैरागी

 

माननीय विशेष न्‍यायाधीश श्री राजेन्‍द्र शर्मा(भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम), झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा, आरोपीगण 1. जगदीश शर्मा पिता श्री ब्रजनंदन शर्मा (शास्त्री) तत्कालीन कलेक्टर जिला झाबुआ 2.जगमोहन पिता श्री गजरूपसिंह धुर्वे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ 3. नाथुसिंह पिता श्री नारायणसिंह तंवर परियोजना अधिकारी (तकनीकी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ 4.अमित पिता श्री आर.एस. दुबे तत्कालीन जिला समन्वयक 5. सदाशिव पिता श्री भीमसिंह डाबर तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत झाबुआ 6.आशीष पिता श्री सुरेश कदम तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्‍ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से दंडित किया गया। राहुल प्रिटरर्स के मालिक मुकेश पिता सत्‍यनारायण जी शर्मा भोपाल को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्‍ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदण्‍ड से दंडित किया गया। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन श्री राजीव रूसिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्रीमति मनीषा मुवेल, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं श्री राजेन्‍द्र पालसिंह अलावा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी झाबुआ जिला झाबुआ द्वारा किया गया।

जिला मीडिया प्रभारी सुश्री सूरज वैरागी, अभियोजन अधिकारी झाबुआ द्वारा बताया गया कि कि विशेष पुलिस स्‍थापना लोकायुक्‍त कार्यालय इन्‍दौर संभाग इन्‍दौर में परिवादी राजेश सोलंकी निवासी मेघनगर जिला झाबुआ द्वारा माननीय विशेष न्‍यायालय झाबुआ के समक्ष एक लिखित परिवाद पत्र दिनांक 04/02/2010 को आरोपीगण जगदीश शर्मा आदि के विरूद्ध प्रस्‍तुत किया था, जिसमें परिवादी ने लेख किया था कि आरोपीगण अपने पद का दुरूपयोग कर मध्‍य प्रदेश शासन के आदेशानुसार शासकीय मुद्रण के समस्‍त कार्य शासकीय मुद्रणालय से न कराते हुए अन्‍य मुद्रणालय से कराकर निजी मुद्रणो को अवैध लाभ पहुचाया है। माननीय न्‍यायालय द्वारा उक्‍त परिवाद जांच को विशेष पुलिस स्‍थापना इन्‍दौर को प्रेषित किया गया था। परिवाद पत्र के परीक्षण उपरांत माननीय न्‍यायालय के आदेश के क्रम में विशेष पुलिस स्‍थापना संगठन द्वारा पंजीयन उपरांत पुलिस अधीक्षक महोदय इन्‍दौर जगदीश शर्मा के विरूद्ध मय परिवाद पत्र जांच हेतु प्राप्‍त हुआ। उक्‍त आदेश के पालन में परिवाद पत्र की प्राथमिक जांच कर अपना प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक वि.पु.स्‍था. इन्‍दौर को प्रेषित किया था। जिसके आधार पर लोकायुक्‍त संगठन द्वारा अपराध पंजीयन का निर्णय लिया गया था । पुलिस अधीक्षक वि.पु.स्‍था. लोकायुक्‍त इन्‍दौर दिनांक 03.12.2010 अनुसार अपराध पंजीबद्ध करने हेतु आदेशित किया था। प्रा.जांच के दौरान पाया गया कि अभियुक्‍तगण द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिना टेण्‍डर के शासकीय प्रेस कई गुना महंगे दर से राहुल प्रिंटरर्स के मालिक मुकेश शर्मा, भोपाल से छपाई का कार्य करवाया गया था और मुद्रीत सामग्री का देयक बिल सीधे पास कराया गया था। तुलना कर गणना करने पर पाया गया कि लगभग 6 गुना अधिक मंहगे दर पर कार्य करवाते हुये. अरोपीगणों द्वारा राशि 27,70,725/- रूपया का अतिरिक्त अवैद्य भुगतान राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को किया गया है जिसमें मुकेश शर्मा को 27,70,725/- रूपया का अवैद्य आर्थिक लाभ हुआ है। तथा शासन को इतनी ही राशि की आर्थिक हानि हुई है। इस प्रकार अभियुक्‍तगण द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए आपराधिक षडयंत्र कर भ्रष्‍टाचार पूर्वक अनुचित एवं अत्‍यधिक लाभ अर्जित कर भ्रष्‍टाचार किया गया था। लोकायुक्‍त कार्यालय इन्‍दौर द्वारा अभियुक्‍तगण के विरूद्ध अनुसंधान पूर्ण कर 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्‍ट एवं धारा 120(बी), 420, 201, 467 भादवि के तहत विशेष न्‍यायालय में अभियोग पत्र प्रस्‍तुत किया गया था। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर उक्‍त प्रकरण में कुल 34 अभियोजन साक्षीगण के कथन न्‍यायालय में करवाये गये एंव लिखित तर्क प्रस्‍तुत करते हुए अपना मामला बखुबी सिद्ध किया गया। जिससे माननीय विशेष न्‍यायाधीश श्री राजेन्‍द्र शर्मा झाबुआ (भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा आज दिनांक को अभियुक्‍तगण को दोषी पाते हुए 1. जगदीश शर्मा 2.जगमोहन पिता 3. नाथुसिंह पिता 4.अमित 5. सदाशिव 6.आशीष को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्‍ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से दंडित किया गया। राहुल प्रिटरर्स के मालिक मुकेश शर्मा को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्‍ट एवं धारा 120(बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रूपये का अर्थदण्‍ड तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदण्‍ड से दंडित किया गया।

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