वर्ष में एक बार ही बिकती है यह अनोखी मिठाई….।
रायपुरिया@राजेश राठौड़
रायपुरिया निप होली के त्योहार पर अंचल की सबसे से प्रसिद्ध मिठाई को होलिका दहन के दिन छोटी छोटी लड़कियां जब अपने घर पर गोबर से बनाया हुई बुल बोले की माला होलिका पर चढ़ाने जाती तो इन मिठाई को धारण कर जाती है वापस घर आने पर सभी को वितरण करती है यह मिठाई शक्कर से बनी होती जिन्हें ग्रामीण भाषा में हार, गुजरी महल,हाथ के कड़े कहते है इस मिठाई का बहुत महत्व है अंचल मे होलिका दहन के दिन यह हार गुजरी शौकाकुल परिवार में शौक निवारण के लिए रिस्तेदार ले जाते हैं यह मिठाई उन्हें खिलाकर शौक निवारण करते हैं ताकि फिर से परिवार में खुशियां लौट आए इस मिठाई का भाव डेढ़ सौ से दो सौ रुपए किलो है पहले तो सभी किराना की दुकानों पर मिल जाती थी लेकिन अब गिने चुने ही व्यापारी की दुकानों पर दिखाई दे रही उसका कारण अब इन चीजों का महत्व खत्म होता जा रहा पहले पच्चीस रुपए किलो में मिल जाती थी अब चार से पांच गुना इसकी कीमत है अब तो आधुनिकता का जमाना है बहुत कम लोग इनका उपयोग करते दिखते है।